बहुत दिन से तुम्हें लिखा नहीं है। बहुत दिन से बारिश उदास कर रही थी। बहुत दिन से तन्हाई थी बहुत। बहुत दिन से दुखता था सब कुछ ही। बहुत दिन से दिल ने कुछ भी महसूस नहीं किया। बहुत दिन से बहुत अफ़सोस था। बहुत दिन से आइना नहीं देखा था। बहुत दिन से एक शहर मेरे अंदर आख़िरी सांसें ले रहा था।
आज बारिश अच्छी लगी है। आज चाय में स्वाद था। आज तुम्हारी ज़रूरत थी। आज तुम्हारे शहर से मुहब्बत थी। आज ख़ुद को माफ़ कर सकी थी। आज एक कहानी और एक गुनाह की प्लॉटिंग साथ में की थी।
आज मैं अपने आज में जी रही थी। जैसा कि तुम कहते हो। ज़िंदगी छोटी है, ख़ुश रहा करो।
आज तुम्हारे हिस्से इतना ही है कि दिल भर जाए।
ढेर सारा प्यार।