WhatsApp Stories
देखो। मुझे पता है तुम जाग रहे हो। तुमने पूछा था कि तुम ख़ास कैसे हो? तो वो ऐसे कि मेरा WhatsApp तुम्हारे नाम पर खुला हुआ है। तुम्हारे last seen से मुझे पता है कि मिनट मिनट तुम भी WhatsApp देख रहे हो और जागे हुए भी हो। मुझे पता है, मेरी तरह तुम भी सोच रहे हो, कुछ लिखें या ना लिखें। हम एक ईगो की लड़ाई लड़ रहे हैं, बेफूजूल। कल मैं तुम्हें समझाऊँगी कि ऐसे खेल कितना थका देने वाले होते हैं। इस उमर में मुझसे नहीं खेले जाते। मैं जागी हूँ कि मैं कुछ लिख रही हूँ। यूँ तुम भी कुछ कर ही रहे होगे। या हो सकता है तुम्हें यूँ ही नींद नहीं आ रही। सॉरी, असल बात बताना भूल ही गयी हूँ। तुम ख़ास इसलिए। कि मेरे WhatsApp में भतेरे कॉंटैक्ट्स हैं, पर मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है कौन जगा है, कौन सो रहा है। हाँ, तुम्हारा वहाँ मिनट मिनट आना देख रही हूँ। नहीं होते हुए भी हम साथ हैं।
नालायक इंसान। मैं उम्मीद करती हूँ कि तुम्हारा ये फ़ितूर कल उतर जाए और तुम बात कर लो। प्यार व्यार अब नहीं करते हम। यारी दोस्ती और बकैती करते हैं बस। हाँ कुछ काम कर सकते हैं साथ में, कोई फ़िल्म बनाना, कोई शहर घूमना, कविता पढ़ के सुनाना तुमको। सिंबोर्सका और बोर्हेस खास तौर से।
बाक़ी तुम्हारी ज़िंदगी में भी बहुत से लोग होंगे। मेरे में भी कम सही, लोग तो हैं। लेकिन जैसे कि मेरा एक प्यारा दोस्त कहता है, ‘लोग तो बहुत होंगे, लेकिन तुम्हारे जैसी कोई कहाँ ही होगी’। तो बस, वही बात है। तुम्हारे जैसे तो बस तुम ही हो।
अगस्त आ रहा है। फ़्रेंड्शिप डे वाला *तियाप्स शुरू हो जाएगा। अच्छा लगेगा बताओ, ये फ़्रेंड्शिप बैंड वाला बेवक़ूफ़ी कि पूछें तुमसे, ‘हमसे दोस्ती करोगे?’। आसान करें कुछ लाइफ़ में? ऐब्नॉर्मल इंसानों की तरह बात करते हैं। कि हम ऐसे ही हैं, दोनों। रैंडम लोग। बहुत प्रेमिकाएँ होंगी तुम्हारी और हम तो कितना लोग से इश्क़ किए हैं सो हिसाब रहने ही दो। यारी दोस्ती वाले लोग कम रहे हैं, सो सोचो ना, स्पेशल भी ज़्यादा रहोगे। शान से कह सकोगे कि दोस्त हैं तुम्हारे। ईमानदारी से, यू नो।
बहुत हुआ, ऐड्वर्टायज़िंग में इससे ज़्यादा ख़ुद के बारे में अच्छा बोलना नहीं सिखाया गया है। नहीं बात करने में दोनों का नुक़सान है। छोड़ो ये अबोला। हो गया रूसना तुमरा?